# पी.एम.जैन👉कोरोना का डेथवॉरेंट जारी 14 अप्रैल से 14 मई तक कभी लग सकती है कोरोना को फाँसी, जानिए ज्योतिषीय रहस्य
नई दिल्ली- भारतीय जनता-जनार्दन को सर्वप्रथम मैं प्रणाम करते हुए कहना चाहता हूँ कि कोरोना पर सरकारी निर्णय के अतिरिक्त ज्योतिषीय गणना के आधार पर भी "कोरोना वायरस" का डेथवॉरेंट जारी हो चुका है जानिए👉क्यों? क्योंकि14 अप्रैल से "रोग्य प्रदाता सूर्यदेव"का उच्चराशि मेष में उदित होना दर्शाता है कि अब कोरोना के समूल नाश का समय आरम्भ हो चुका है|
मैंने अपने पूर्व लिखित लेख में कोरोना वायरस के संदर्भ में आंशिक तौर पर ज्योतिषीय उल्लेख👉 www.paraspunj.com वेबसाइट पर किया है जिसे गूगल पर सर्च किया जा सकता है|
मैं अल्पज्ञ एक बार पुनः आपसे सरकारी निर्देशों का दृढ़ता और धैर्य के साथ पालन करने का निवेदन करते हुए उस "ज्योतिषीय रहस्य" को जगजाहिर करने का प्रयास करता हूँ कि आखिर क्यों मैंने कोरोना के नाश होने के लिए 14 अप्रैल की तारीख लिखी थी, जिसके कुछ अंशों का उल्लेख पूर्व लेख में किया जा चुका है| लेकिन अब👉 मैं कोरोना के अंत हेतु यहाँ कुछ और अंशों का रहस्य बताता हूँ👉आज देश-दुनिया में गर्मी बढ़ोत्तरी को लेकर कोरोना वायरस के नष्ट होने पर चर्चा हो रही है लेकिन हमें ज्योतिषीय गणना के तथ्यों को समझना चाहिए क्योंकि कोरोना के चलते गर्मी तो अनेक देशों और स्वदेश के अनेक प्रान्तों में आज भी मौजूद है इसलिए लेख के माध्यम से संक्षिप्त में इस गर्मी सम्बन्धी तथ्य को समझने हेतु प्रयासरत रहना चाहिए और👉ध्यान रखना चाहिए कि👉अग्नितत्व ग्रह का अग्नितत्व राशि या अग्नितत्व ग्रह का वायुतत्व जैसी मित्र राशियों में विचरण होता है तब उन ग्रहों से प्रकाशित प्रकाश, गर्मी या तरंगे पृथ्वी इत्यादि पर जीवमात्र में आरोग्यता और खुशहाली पैदा करती हैं|
👉इसलिए सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए आज महामारी के संकट में घर पर ही रहकर 14 अप्रैल से हमें रोज सुबह उगते हुए सूर्य किरणों में बैठकर या खड़े होकर कुछ समय बिताना चाहिए|
ज्योतिषीय ब्रह्माण्ड में पिता की पदवी से विभूषित सूर्यदेव अग्नितत्व ग्रह(आदर्श तारा) माने जाते हैं और सेनापति की पदवी से विभूषित मंगलदेव भी अग्नितत्व हैं साथ ही मंगलदेव की मेषराशि भी अग्नितत्व है जिसमें सूर्यदेव 14 अप्रैल की सुबह उदित होंगे और विश्व में आरोग्यता का प्रकाश(गर्मी) फैलाने की शुरूआत कर देंगे|
संक्षिप्त में कहें तो इधर औषधि व सफलता प्राप्ति के कारक सूर्यदेव का आरोग्यता दायक प्रकाश "14 अप्रैल से 14 मई" तक पृथ्वी पर रहेगा जोकि "कोरोना" के लिए महाकाल साबित होगा! तो👉उधर इसी अवधि के बीच 4 मई को अग्नितत्व "मंगलदेव" पृथ्वीतत्व राशि छोड़कर अग्नितत्व ग्रह की मित्र वायुतत्व राशि कुम्भ में प्रस्थान(प्रवेश) करेंगे तो वहीं वायुतत्व शनिदेव 11 मई को वक्री होकर 29 सितम्बर को मार्गी होंगे और आकाश सूचक गुरूदेव 14 मई को पृथ्वीतत्व राशि मकर को छोड़ते हुए अपनी अग्नितत्व धनुराशि की ओर वक्री यानी उल्टी चाल से प्रस्थान करते हुए 30 जून को स्वराशि धनु में पुन: प्रवेश करेंगे|
👉कहने का तात्पर्य है कि"14 अप्रैल से 14 मई" का समय कोरोना को फाँसी देने(अंत करने) के लिए अति महत्वपूर्ण समय है! 👉अगर देश की जनता-जनार्दन का सहयोग सरकारी निर्देशों के पालन हेतु नि:स्वार्थ, निरन्तर मिलता रहा तो यह "ग्रहयोग" मेरे भरत जी के भारत में कोरोना के लिए निश्चित ही "डेथवॉरेंट" साबित होगा| जिसके सुपरिणाम जीवमात्र के लिए सुखद ही होंगे|
मैं अल्पज्ञ देश की जनता से पुन: करबद्ध निवेदन करता हूँ कि सरकार द्वारा देशहित-जनहित में जारी सभी निर्देशों का धैर्य, संयम से व गम्भीरता से पालन करें!👉साथ ही देश-दुनिया की समस्त जनता को सचेत करते हुए हाथ जोड़कर अपील करता हूँ कि👉 कृपया प्रकृति के नियमों का उल्लंघन न करें उसके वातावरण को प्रदूषित न करें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान में सहयोगी बनें|
भारत सरकार और भारतीय ऋषि-मुनियों द्वारा निर्देशित मार्गों पर चलें, अभक्ष्य पदार्थों व अन्याय, अंहकार और आड़म्बर जैसे अनेकों अनैतिक मार्गों का त्याग करते हुए "मूलकर्मों-मूलधर्मों"(मुख्य कर्तव्य) के साथ अहिंसा, सदाचार का पालन करें! 👉क्योंकि इसी वर्ष एक बार फिर न्याय और दण्डाधिकारी शनिदेव वक्री होकर मार्गी गति से पृथ्वीतत्व स्वराशि मकर में ही भ्रमण(गोचर) करते रहेंगे!
जानकारी के लिए पुन: बता दें कि शनि 22 जनवरी 2020 से आगमी ढ़ाई बर्ष तक अपनी पृथ्वीतत्व मकर राशि में ही भ्रमणशील रहेंगे, इसीलिए👉सच्चाई शाकाहार और स्वच्छता की आदत अपनाए | स्वयं स्वस्थ रहें और अपने परिवार को स्वस्थ व सुरक्षित रखें| "लेख में त्रुटियों हेतु समस्त विद्वानगणों से क्षमायाचना करता हूँ|"👉 पी.एम.जैन !मो.9718544977
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